Changes

चीर भरा पाजामा / त्रिलोचन

34 bytes removed, 17:27, 10 दिसम्बर 2007
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
|संग्रह=उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन
}}
 
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
चीर भरा पाजामा, लट लट कर गलने से<br>
देती है मिथ्याभिमान को। यही त्रिलोचन <br>
है, सब में, अलगाया भी, प्रिय है आलोचन।<br><br>
(कविता संग्रह 'उस जनपद का कवि हूँ' से)