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"मौन से बतकही (कविता) / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर
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आओ बातें करें
पेड़ों से
पत्तों के
मौन से
थोड़ा सहज होकर
कितने सीधे
अनुशासित
अहिंसक
पूरी सृष्टि में
बिना अंहकार से
जन्म-मरण में साथ निभाते
प्राण देते हमें
आओ इनके मौन से
बतियायें!