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+ | जो उसके विरुद्ध हैं। | ||
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+ | उस मौन में बाँचती है | ||
+ | वेदों के सूक्त। | ||
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− | + | बोलता है अँधेपन की भाषा | |
− | + | अपराध के जोखिम | |
+ | डरावनी गूँज | ||
+ | सन्नाटे का शोर | ||
+ | भय के शब्द। | ||
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− | + | बोलता है जीवन के मृत होने की | |
− | + | शून्य भाषा | |
− | + | कालिख के रहस्य | |
− | + | अँधेरे की आँखों में | |
− | + | मृत्यु के शब्द होते हैं | |
− | + | अँधेरे के ओठों में | |
− | + | चीख | |
− | + | अँधेरे की साँसों में | |
− | + | मृत्यु की डरावनी परछाईं। | |
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10:29, 26 मई 2014 के समय का अवतरण
उजाला
बोलता है चुपचाप
शब्द
जिसको दिखना-दिखाना है।
उजाला
खोलता है चुपचाप
रहस्य
जो उसके विरुद्ध हैं।
अद्भुत उजाला
निःशब्द मौन होता है
ईश्वरीय सृष्टि-शक्ति
उस मौन में बाँचती है
वेदों के सूक्त।
अँधेरा
बोलता है अँधेपन की भाषा
अपराध के जोखिम
डरावनी गूँज
सन्नाटे का शोर
भय के शब्द।
अँधेरा
बोलता है जीवन के मृत होने की
शून्य भाषा
कालिख के रहस्य
अँधेरे की आँखों में
मृत्यु के शब्द होते हैं
अँधेरे के ओठों में
चीख
अँधेरे की साँसों में
मृत्यु की डरावनी परछाईं।