भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्रतीक्षा में प्रार्थना / पुष्पिता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:47, 27 मई 2014 के समय का अवतरण
प्रतीक्षा
प्रार्थना में लीन है
प्रार्थना
तपस्यारत है
सदिच्छाओं के स्पर्श के लिए
सर्वसुख की देह में बसा है सर्वहित
जैसे वह ही है प्राणतत्व
संपूर्ण ब्रह्माण्ड में।