भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"काला कोट / पुष्पिता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:32, 27 मई 2014 के समय का अवतरण
कविताओं ने
पहन लिया है काला कोट
शब्दों का
समय के विरोध में
कविता का हर शब्द
हालात के मातम में मौन।
कुछ लोग लील लिए हैं
समय के प्रतिरोधी सच्चे शब्दों को
बहुत कम शब्द बचे हैं
जो बोलते हैं अपने अर्थ
शब्दों की मौलिक प्रकृति के साथ।