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"करतलसों ताली देत, राम मुख बोली / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर

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15:05, 2 जून 2014 का अवतरण

(राग तिलककामोद ताल कहरवा)

करतलसों ताली देत, राम मुख बोली।
बस जली तुरत पातक-पुञ्जोंकी होली॥