"अंतसवाणी / ओम पुरोहित कागद" के अवतरणों में अंतर
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23:25, 20 जून 2014 का अवतरण
आओ !
आपां
तपती धोरा धरती ऊपर
जिनगाणी रा
गीत गावा!
मरुवाणी रा
गीत गावा!
कोटी-कोटी धरा री
हियै तणी
मिठास स्यू उपजी
अंतसवाणी रा
गीत गावा!
आखै जग रो
साहित्य मांदो पड़ै
सबद कोष निबळ पड़ै
जिण रै आगै
सगळा वीर रस
पाणी भरै
उण रसवाणी रा
गीत गावंा !
सबदां री तलवार बण
अकबारी सुपना
धूड़ कर्या
उण जलजाणी
वाीरवाणी रा
गीत गावां!
पृथ्वाी राज री
आंख बण
धाड़ैती गौरी रा
सुपना चकनाचूर कर्या
उण दीठवाणी रा
गीत गावां !
अन्न
धन्न स्यू निबळा
पाणीं स्यूं तिस्सा
पण वाणी स्यूं मीठा
धोंर्यां री धीराणी रा
गीत गावां !
आओ !
आपां
तपती धोरा ंधरती ऊपर
जिनगाणी रा
गीत गावां !