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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
देवकी यशोदा दुनू बहिनी कि दुनू सहोदर रे
ललना रे, मिथिला गोकुल दुइ नग्र कि ताहि बिच जमुना बहू रे
अहि पार देवकी नहाएल, ओहि पार यशोदा रे
ललना रे, दुनू केर भए गेल भेंट दुनू बतिआएल रे
कुशल-पूछय देवकी, यशोदा मुह तोहर मलीन हे
मुह तोहर मलीन बहिनी, वदन तोहर उदास हे
सैह सुनि देवकी के नोर खसु, बदन उदास भइ रे
ललना रे, सात पुत्र दैव देलनि, कंस हरि लेलनि रे
कंस छथि निरवंश, बालक नहि छनि दया धर्म यौ
तेहन वीर अवतार लेतनि, करत हुनको नाश यौ