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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हे दर्द सहलौं हम, पिया के लाल भेलनि कोना
आबधु सासु बइसधु पलंग चढ़ि हे झगड़ा अहीं छोड़ाउ
पिया के लाल भेलनि कोना
चो पुतोहु मारू चाहे गारि पढू हे, लाल बउए के भेलनि ना
आबथु ननदो बइसथु पलंग चढ़ि हे, झगड़ा अहीं छोड़ाउ
पिया के लाल भेलनि कोना
चाहे भउजी मारू, चाहे गारि पढू, हे लाल भइए के भेलनि ना
आबथु गोतनो, बइसथु पलंग चढ़ि, हे झगड़ा अहीं छोड़ाउ
पिया के लाल भेलनि कोना
चाहे गोतनो मारू, चाहे गारि पढू, हे लाल देओरे के भेलनि ना
आबथु पड़ोसिन, बइसथु पलंग चढ़ि, हे झगड़ा अहीं छोड़ाउ
पिया के लाल भेलनि कोना
चाहे पड़ोसिन मारू चाहे गारि पढू, हे लाल दुनूकेँ भेलनि ना
एसगर लाल कोना भेलनि ना, लाल दुनूकेँ भेलनि ना