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"माइ हे नासिका दबाइ बर के जाँचू बहिना / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माइ हे नासिका दबाइ बरकेँ जाँचू बहिना
माइ हे योगी छथि की भोगी, से हम बुझबनि कोना
वस्त्र बहार कए देखू बहिना
माइ हे मोट छथि कि पातर, हम बुझबनि कोना
माइ हे हाथ पयर निकालि कनी जाँचू बहिना
हाथ सोझ छनि कि टूटल, देखू बहिना
चलाय - फिराय वरकेँ देखू बहिना
माइ हे चलै छथि कि नाँगर, से देखू बहिना
माइ हे हँसाय - बजाय हिनका देखू बहिना
माइ के पंडित छथि कि बकलेल, जाँचू बहिना