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"करू गेठबन्हन लाल लाली के / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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<poem>यमुना तीर, कुंज वन, ततऽ कृष्ण बसै छथि
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<poem>करू गेठबन्हन लाल लाली के
गोप कन्या दधि मांगथि, चलि ने सकै छथि
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चारू चन्द्र चकोर हे
ओहि ठाम बालक भाइ, चेहों-चेहों करै छथि
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प्रथम गेठ श्रीराम श्रीमिथिला
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनी
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राज किशोरी हे
दोसर योगिनियां तोहें पितिया सासु हे
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दोसर गेठ भरत बबुआ के
आबे बाबू पड़ल योगिनियां के वश हे
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ओ मांडवी के जोड़ी हे
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तेसर गेठ शत्रुघ्न के
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श्रुतिकीर्ति कयल चोरी हे
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चारिम गेठ देल हंसि लीअ
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उर्मिल लखन के जोड़ी हे
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गाओल सखि सभ मंगलगान
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सम्बन्ध जोड़ि प्रीतिक हे
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00:39, 1 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

करू गेठबन्हन लाल लाली के
चारू चन्द्र चकोर हे
प्रथम गेठ श्रीराम श्रीमिथिला
राज किशोरी हे
दोसर गेठ भरत बबुआ के
ओ मांडवी के जोड़ी हे
तेसर गेठ शत्रुघ्न के
श्रुतिकीर्ति कयल चोरी हे
चारिम गेठ देल हंसि लीअ
उर्मिल लखन के जोड़ी हे
गाओल सखि सभ मंगलगान
सम्बन्ध जोड़ि प्रीतिक हे