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"एकहि पलंग सेज पिया संग सुतलौं / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एकहि पलंग सेज पिया संग सुतलौं, हार मोरा गेल हेराय हे
कोठे सन कोबर
नहि घर सासु एली नहि ने ननदिया, तोहें प्रभु लेलहुँ चोराय हे
कोठे सन कोबर
जायब पुरुब देश करब दोसर ब्याह, हार तोरा देब मंगबाय हे
कोठे सन कोबर
जुनि तोहें जाहु प्रभु ओही रे पुरुब देश, जुनि कर दोसर ब्याह हे
कोठे सन कोबर
नहि हम लेबै प्रभु ओहो रे हार, सौतिनिक साल जुनि दैह हे
कोठे सन कोबर