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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सबरंग पटिया समटू हे सुहबे
दुलहा देता ओछाय
टेढ़-टुढ़ जौं पटिया ओछौता
रूसि रहब सुकुमारि हे
हे कसर-मसर ने पटिया ओछौता
मारबनि चाट घुमाय हे
हँसी खुशी सँ पटिया ओछौता
तखन हँसथि सुकुमारि हे
ललित कुमारि सुमंगल गाओल
सखि सब देल पिहकारी हे