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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चलू सखि गौरी पूजन, जनक जी के बागमे
दस सखि आगू चलय, दस सखि पाछू चलय
बीचमे सिया सुकुमारी, जनक जी के बागमे
बाटेमे भेटि गेला फल्लां दुलरुआ
धय लेल अंगुरी के पोर, जनक जी के बागमे
जँ तोहें आहे सिया, वारि कुमारि
चलहु हमरहुँ संग, जनक जी के बागमे