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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मानु मानु ओझाजी हमरो के बात यो
कोजगरे मे विदा कऽ देब, घड़ी साइकिल साथ यो
धान नहि उपजल झाजी, रबी के ने आस यो
दुइ चारि बेटी झाजी, भेलहुँ लचार यो
गछऽ काल मे गछि लेलहुँ, देबे काल ने भास यो
कोजगरे मे विदा कऽ देब, घड़ी साइकिल साथ यो
छोटकी जे सरि झाजी, अहीं के दान यो