भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मानु मानु ओझाजी हमरो के बात यो / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:53, 1 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मानु मानु ओझाजी हमरो के बात यो
कोजगरे मे विदा कऽ देब, घड़ी साइकिल साथ यो
धान नहि उपजल झाजी, रबी के ने आस यो
दुइ चारि बेटी झाजी, भेलहुँ लचार यो
गछऽ काल मे गछि लेलहुँ, देबे काल ने भास यो
कोजगरे मे विदा कऽ देब, घड़ी साइकिल साथ यो
छोटकी जे सरि झाजी, अहीं के दान यो