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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आजु हमर बड़ भाग रे, उत्तम पाहुन आजु आयल रे
आसन देल झट झारि, निर्मल चरण पखारि रे
बिच समाद बाट रे, क्यो नहि सुनय पुकार रे
विद्यापति कवि मार रे, सुपुरुषक गुनक विधान रे