भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मलिया जे सूतल कोठापर / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:14, 2 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मलिया जे सूतल कोठापर
मालिन बेटी सूतू दरबार हे
दौड़ल जाथिन दुलहा से फल्लां दुलहा
मौड़ी देहु जायब बरिआत हे
आरसी मीड़िया उड़ेहिए मालिन बेटी
झलकैत जायत ससुरारि
आरसी मोड़िया कहियो ने उरेहल
कोनाकऽ देब बनाय हे
काते काते दिहे मालिन हीरा ओ मोती
बीचे-बीचे सिया सुकुमारि हे
एते दिन बुझै छलौं राजाजी के बेटबा
आइ बुलझल दशरथ के लाल हे