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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पहिरि ओढ़िए कनियां सुहबे पाबनि पूजऽ बैसली हे
हे शुभ पावनि दिन मे
लच-लच लचकै हुनकर डाँड़
हे शुभ पाबनि दिन मे
घोड़बा चढ़ल अबथिन दुलहा रसिलबा
हे शुभ पाबनि दिन मे
किये सुहबे लचके तोहर डाँड़
हे शुभ पाबनि दिन मे
आजु सुदिन दिन पाबनि छै
हे शुभ पाबनि दिन मे
ससुरा सौं औतै भरिया भार
हे शुभ पाबनि दिन मे
भार जे औतह धनि घर कय धरिहऽ
हे शुभ पाबनि दिन मे
भरिया के करिहऽ बिदाइ
हे शुभ पाबनि दिन मे