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"बौआ के छियनि कोजगरा हे / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बौआ के छियनि कोजगरा हे
पूर्णिमा के राति
कथी के जूत्ता कथी के छत्ता
कोने खराम चढ़ि चलता हे
पूर्णिमा के राति
सोने के जुत्ता रूपे के छत्ता
झनुकी खराम चढ़ि चलता हे
पूर्णिमा के राति
कथि के थारी, कथी के कौड़ी
किनका संग खेलता पचीसी हे
पूर्णिमा के राति
सोने के थारी, चानी के कौड़ी
भौजी संग खेलता पचीसी हे
पूर्णिमा के राति