भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"इठयासी / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
					
										
					
					आशिष पुरोहित  (चर्चा | योगदान)   ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)  | 
			
(कोई अंतर नहीं) 
 | 
23:38, 3 जुलाई 2014 का अवतरण
के पढै बेटा!
आं सबदां मांय सत कोनी
गत कोनी बांरी अबै बजार मांय
छेवट तो हाजरी लगावणी है
		-दरबार मांय।
इण वास्तै छोड सबद
सामल होज्या व्यौपार मांय।
	
	