भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा
}}
{{KKCatGhazalKKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
चिड़ी, अे चिड़ी!
सबद मांय कीड़ी
तूं निगैदास्ती राखी
कीं सबद मुंडेरा ऊपर सूं