भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"साठ / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा | |संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKCatKavita}} |
{{KKCatRajasthaniRachna}} | {{KKCatRajasthaniRachna}} | ||
<poem> | <poem> |
07:03, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
सबद आंटो है
कै कांटो है
ठा नीं पण पीड़ है पुराणी-सी
दीसै है मांयनै अेक कहाणी-सी
म्हैं जाणै गा हूं ठाण ऊभी
-अर साम्हीं बांटो है।
सबद आंटो है।