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|रचनाकार=बुद्धिनाथ मिश्र
|अनुवादक=
|संग्रह=जाड़े में पहाड़ / बुद्धिनाथ मिश्र
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मौत का आतंक फैलाती हवा
दे गयी गई दस्तक किवाड़ों पर
वे जिन्हें था प्यार झरनों से
अब नहीं दिखते पहाड़ों पर ।
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