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"प्रभु की याद दिलाने वाले दुःख / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर

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17:13, 24 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

  (राग भीमपलासी-ताल कहरवा)

 प्रभु की याद दिलाने वाले दुःख रहें नित मेरे पास।
 प्रभुकी याद भुलानेवाले सुख-समूह हो जायें नाश॥
 वह विपात्ति स्म्पत्ति परम है, जिसमें प्रभुके हों दर्शन।
 वह स्म्पत्ति वि्पत्ति रूप है, हटवा दे जो प्रभुसे मन॥
 वह अपमान मान सच्चा है, जिसमें हो शुभ प्रभुका भान।
 जो प्रभुसे सपर्क छुड़ा दे, वह है जलने लायक मान॥