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"तुम (हाइकु) / अशोक कुमार शुक्ला" के अवतरणों में अंतर

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07:26, 26 अगस्त 2014 का अवतरण

 (1)
तुम आये तो
महकी फुलवारी
मायूसी हारी
(2)
हरारत है
आलिंगन तुम्हारा
पिघला तन
(3)