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"पीठ कोरे पिता-5 / पीयूष दईया" के अवतरणों में अंतर
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एक कहानी में महज़ कहानी है
जिसे मैंने कभी जाना नहीं
प्रकट होते न होते
मकड़ी के देश में
पृथ्वी
प्रकाश में
पिता
जल जाएंगे
कल