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"पीठ कोरे पिता-10 / पीयूष दईया" के अवतरणों में अंतर

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16:20, 28 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

जानता था मैं एक दिन
रोक नहीं सकूंगा और
गूंगी चीख़ से सना रह जाऊंगा
सदा के लिए

.--मर जाओगे
फूल-सा--
मासूम दिल लिये अपना
एक दिन
जानता था मैं
दिल से

मर जाएंगे आप