"आदमी का गीत / शील" के अवतरणों में अंतर
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देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल | देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल | ||
− | नया संसार | + | नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे |
− | सौ-सौ स्वर्ग उतर | + | सौ-सौ स्वर्ग उतर आएँगे, |
− | सूरज सोना | + | सूरज सोना बरसाएँगे, |
दूध-पूत के लिए पहिनकर | दूध-पूत के लिए पहिनकर | ||
जीवन की जयमाल, | जीवन की जयमाल, | ||
− | रोज़ त्यौहार | + | रोज़ त्यौहार मनाएँगे, |
− | नया संसार | + | नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे । |
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देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल। | देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल। | ||
− | नया संसार | + | नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।। |
सुख सपनों के सुर गूँजेंगे, | सुख सपनों के सुर गूँजेंगे, | ||
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नई चेतना, नए विचारों की | नई चेतना, नए विचारों की | ||
हम लिए मशाल, | हम लिए मशाल, | ||
− | समय को राह | + | समय को राह दिखाएँगे, |
− | नया संसार | + | नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे । |
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देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल। | देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल। | ||
− | नया संसार | + | नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।। |
एक करेंगे मनुष्यता को, | एक करेंगे मनुष्यता को, | ||
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नई पौध के लिए, बदल | नई पौध के लिए, बदल | ||
देंगे तारों की चाल, | देंगे तारों की चाल, | ||
− | नया भूगोल | + | नया भूगोल बनाएँगे, |
− | नया संसार | + | नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे। |
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देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल। | देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल। | ||
− | नया संसार | + | नया संसार बसाँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।। |
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11:01, 30 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल
नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे
सौ-सौ स्वर्ग उतर आएँगे,
सूरज सोना बरसाएँगे,
दूध-पूत के लिए पहिनकर
जीवन की जयमाल,
रोज़ त्यौहार मनाएँगे,
नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।
देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल।
नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।।
सुख सपनों के सुर गूँजेंगे,
मानव की मेहनत पूजेंगे
नई चेतना, नए विचारों की
हम लिए मशाल,
समय को राह दिखाएँगे,
नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।
देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल।
नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।।
एक करेंगे मनुष्यता को,
सींचेंगे ममता-समता को,
नई पौध के लिए, बदल
देंगे तारों की चाल,
नया भूगोल बनाएँगे,
नया संसार बसाएँगे, नया इन्सान बनाएँगे।
देश हमारा धरती अपनी, हम धरती के लाल।
नया संसार बसाँगे, नया इन्सान बनाएँगे ।।