भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शिमला का तापमान-2 / अजेय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अजेय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> +2 ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:33, 1 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
+2 0c
बच्चे बड़े बड़े गुब्बारे ओढ़ रहे हैं
गोल लम्बूतरे
बड़ी-बड़ी गुलाबी कैंडीज़ में से झाँकता
एक मरियल काला बच्चा
मेरे पास आकर रोता है -
‘अंकल ले लो न, कोई भी नहीं ले रहा’
उसकी आंखें प्रोफेशनल हैं
फिर भी भीतर कुछ काँप सा जाता है
तापमान पहले से बढ़ गया है