भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शिमला का तापमान-3 / अजेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अजेय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> +3'...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
 
+3'c
 
+3'c
 
            
 
            
प्लास्टिक का हेलीकॅाप्टर
+
प्लास्टिक का हेलीकॉप्टर
 
रह रह कर मेरे पास तक उड़ा चला आता है
 
रह रह कर मेरे पास तक उड़ा चला आता है
 
लौट कर लड़खड़ाता लेन्ड करता है
 
लौट कर लड़खड़ाता लेन्ड करता है

19:39, 1 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

+3'c
           
प्लास्टिक का हेलीकॉप्टर
रह रह कर मेरे पास तक उड़ा चला आता है
लौट कर लड़खड़ाता लेन्ड करता है
रेलिंग पर बैठा बड़ा सा बन्दर
दो लड़कियों की चुन्नी पकड़ता, मुंह बनाता, डराता है

लड़कियाँ
एक सुन्दर, गोरी, लाल-लाल गालों वाली
दूसरी साधारण, सांवली
प्रतिवाद नहीं करतीं
शर्म से केवल मुह छिपातीं, मुस्करातीं हैं
तापमान बढ़ता ही जा रहा है