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"समुद्र वह है / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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09:30, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण

समुद्र वह है

जिसका धैर्य छूट गया है

दिककाल में रहे-रहे !


समुद्र वह है

जिसका मौन टूट गया है,

चोट पर चोट सहे-सहे !