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"पेड़ / गिरीश पंकज" के अवतरणों में अंतर

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11:57, 16 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

हरे-भरे मतवाले पेड़,
हम सबके रखवाले पेड़ ।

रंग-बिरंगे फूलों के संग,
लदे हुए फल वाले पेड़ ।

हमको मत काटो कहते हैं,
वर्षा लाने वाले पेड़ ।

पत्थर खाकर फल देते हैं,
देखो ये दिलवाले पेड़ ।