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"बहती नदी में चांद / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर

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(जैसे चिडिया नहाती है सुबह की धूप में)
(कोई अंतर नहीं)

20:43, 29 सितम्बर 2014 का अवतरण

बहती नदी में

खूब झलफलाता है चांद

जैसे चिडिया नहाती है

सुबह की धूप में

और मछलियां

चांदनी में फंसती हैं इस तरह

कि चली आती हैं दूर तक

और लौट नहीं पाती हैं


चांदनी में

नदी नहाते लोग

लगते हैं सोंस से

और

दूर से आती नाव

घडियाल सा मुंह फाडे

आगे बढती जाती है ।

1996