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"नीड़ बुलाए / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर
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+ | हैं तनहा हम | ||
+ | हंस पूछते | ||
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+ | द्वार खड़ा जो | ||
+ | पेड़ आम का | ||
+ | बहुत-बहुत कड़ुवाए | ||
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14:18, 30 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण
मंगल पाखी
वापस आओ
सूना नीड़ बुलाए
फूली सरसों
खेत हमारे
रंगहीन है
बिना तुम्हारे
छत पर मोर
नाचने आता
सुगना शोर मचाए
आँचल-धानी
तुमको हेरे
रुनझुन पायल
तुमको टेरे
दिन सीपी के
चढ़ आये हैं
मोती हूक उठाए
ताल किनारे
हैं तनहा हम
हंस पूछते
क्यों आँखें नम
द्वार खड़ा जो
पेड़ आम का
बहुत-बहुत कड़ुवाए