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"विचार / मणि मोहन" के अवतरणों में अंतर

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जी नहीं....शुक्रिया
आपके इस विचार के लिए
जो सरसराता हुआ
आना चाहता है
मेरे करीब...

बहुत ख़ूबसूरत है
लेकिन ज़हर से बुझा हुआ
परिपक्व भी
जैसे अपना फन फैलाए
किंग कोबरा --
जी नहीं....शुक्रिया ।