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उसके अपने कभी अपने नही हुए
अधूरे सपनों को गले लगाकर
किसी की आँखों में आँसू बनकर छलक नही सकता !
'''इस कविता का मूल नेपाली भाषा से अनुवाद स्वयं कवि ने किया है।: विर्ख खड़का डुवर्सेली <Poem/poem>