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"इकला चांद / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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इकला चांद
असंख्य तारे,
नील गगन के
खुले किवाड़े;
कोई हमको
कहीं पुकारे
हम आएंगे
बाँह पसारे !