भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दर्द था एक / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं-1 / केद...)
(कोई अंतर नहीं)

13:48, 8 जनवरी 2008 का अवतरण


दर्द था एक

जो तुमने दिया,

हज़ार सुखों के बीच

जो मैंने पिया,

रात में तड़पा

और दिन में जिया,

न किसी ने जाना

तुमने क्या किया ।