भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"म्हारै पांती रा सुपना / राजू सारसर ‘राज’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया }} {{KKPustak |चित्र= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=राजू सारसर ‘राज’ |
}} | }} | ||
{{KKPustak | {{KKPustak |
21:27, 27 जनवरी 2015 का अवतरण
म्हारै पांती रा सुपना
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | राजू सारसर ‘राज’ |
---|---|
प्रकाशक | बोधि प्रकाशन, जयपुर |
वर्ष | 2013 |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | कविता |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | 978-93-83150-74-8 |
विविध | छंद काव्य |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।