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निरस्त्र / अज्ञेय

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कुहरा था,
सागर पर सन्नाटा था :
पंछी चुप थे ।थे।
महाराशि से कटा हुआ
चट्टानों के बीच एक गढ़िया में
निश्चल था--था—
पारदर्श ।पारदर्श।
मुझे सहसा दीखा
केंकड़ा एक :
आँखें ठण्डी
निष्कौतूहल
निर्निमेष ।निर्निमेष।
आँख-भर तक लेने का साहस;
मैंने पूछा : क्यों जी,
यदि मैं तुम्हें बता दूँ
मैं करता हूँ प्यार किसी को--को—
तो चौंकोगे ?
ये ठण्डी आँखें झपकेंगी
औचक ?
उस उदासीन ने
सुना नहीं :
आँखों में
वही बुझा सूनापन जमा रहा ।रहा।
ठण्डे नीले लोहू में
दौड़ी नहीं
सनसनी कोई ।कोई।
किसी कोटर में
सरक गया ।गया।
निष्कवच,
वध्य ।वध्य।
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