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"धनि शिव मुरति तोरि / बघेली" के अवतरणों में अंतर

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बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

धनि शिव बाबा मूरति तोरि
जटन से गंगा बही है
हां हां रे जटन से गंगा बही है
ऐ झालखण्ड मां झांझै बजत हैं
गया बजत घरियाल
ए बरहाँ बजा बजे अजुध्या जहां राम लिहिनि अउतार
जहाँ राम लिहिनि अउतार
जटन से गंगा बही है