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बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
फाग रचैं बनवारी हो ब्रज मां
फाग रचैं बनवारी
सब देखैं ब्रह्मा विष्णु मुरारी
नन्द बाबा के द्वारे-द्वारे
सब सखी हिंडोला गाड़े
झूला झूलै रंगौ डारइ
मोर भींजई कुसुम रंग सारी
ब्रज मा फाग रचै बनवारी
नन्द बाबा के लाला लाला-लाला लाला
कहैं मरोरे गाला
मोरी चोलिया रंगा बोरे
मोही देहैं ननंद घर गारी
ब्रज मा फाग रचे बनवारी