भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फाग रचै बनवारी हो ब्रज मां / बघेली" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:18, 19 मार्च 2015 के समय का अवतरण

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

फाग रचैं बनवारी हो ब्रज मां
फाग रचैं बनवारी
सब देखैं ब्रह्मा विष्णु मुरारी
नन्द बाबा के द्वारे-द्वारे
सब सखी हिंडोला गाड़े
झूला झूलै रंगौ डारइ
मोर भींजई कुसुम रंग सारी
ब्रज मा फाग रचै बनवारी
नन्द बाबा के लाला लाला-लाला लाला
कहैं मरोरे गाला
मोरी चोलिया रंगा बोरे
मोही देहैं ननंद घर गारी
ब्रज मा फाग रचे बनवारी