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बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दइ टटिया निकरि चला हो
अरे निकरि चला महराज हो
दे टटिया निकरि चला हो
कौने माया मा अरझे हैं प्रान हो
दे टटिया निकरि चला