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"एक पेड़ काशी मा जामा हो / बघेली" के अवतरणों में अंतर

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बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एक पेड़ काशी मा जामा हो
अरे डार गई जगन्नाथ हो
काशी मा जामा
फूलत फूल द्वारिका मोरे प्यारे
कि फर लाग्यों बद्रीनाथ हो
मटुक वाले