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Kavita Kosh से
उल्लू नहीं होंगे तो
भला क्या होंगे
'''किसे पता है'''
किसे पता है
नाचे कृष्ण-मुरारी
वृन्दावन में
'''माँ'''
लगे अधूरा
यह घर, संसार
माँ के बिना
'''आग'''
घोंसले जले
आग से जंगल में
भागे परिंदे
'''प्रेमी'''
प्रेमी युगल
अक्सर मुस्काते हैं
मन ही मन
'''प्रश्न'''
प्रश्न यह है
कब तक जिएंगे
मर-मर के
'''चलते रहे'''
अजाने रास्ते
चलते रहे पाँव
ज़िंदगी भर
आखिर फिर
फूल हुए शिकार
पतझड़ में
'''अजब राग'''
अजब राग
अपने-अपने का
बजाते लोग
'''अधिवक्ता'''
पण्डे कहते
खुद को अधिवक्ता
भगवान का
'''खाता'''
दर्ज बही में
हम सब का खाता
होता भी है क्या ?
'''सफर'''