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बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लपकि कै मारौ गुलेल तोरे पागा मा
उलटि कै मारों गुलेल तोरी बेंदी मा
कठला लागै धिरिर तोरी तैती मा
भंवरा मांगे बसेर तोरी चोली मां
उलटि कै तोरा लालन केसरइया