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"आप से तुम, तुम से तू , कहने लगे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर

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हाथ उठाकर क़िबला-रू कहने लगे
 
हाथ उठाकर क़िबला-रू कहने लगे
  
इश्क़ में ये दिल की महवीयत 'रक़ीब'
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इश्क़ में ऐसी थी कैफ़ीयत 'रक़ीब'
ख़ामशी को गुफ़्तगू कहने लगे
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ख़ामुशी को गुफ़्तगू कहने लगे  
 
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16:07, 24 मार्च 2015 के समय का अवतरण


आप से तुम, तुम से तू , कहने लगे
छू के मुझको, मुझको छू, कहने लगे

पहले अपनी जान कहते थे मुझे
अब वो जाने आरज़ू कहने लगे

आपको देखा तो कुछ ऐसा लगा
मिलते थे हम कू-ब-कू कहने लगे

तुम हो मेरी ज़िंदगी का माहसल
आज कल वो रूबरू कहने लगे

दिल से दिल जब मिल गए, सब मिल गया
हो गए हम सुर्ख़रू कहने लगे

है हमे तुमसे मुहब्बत वो भी अब
हाथ उठाकर क़िबला-रू कहने लगे

इश्क़ में ऐसी थी कैफ़ीयत 'रक़ीब'
ख़ामुशी को गुफ़्तगू कहने लगे