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"प्यार जग के सार बाटे / सूर्यदेव पाठक 'पराग'" के अवतरणों में अंतर

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प्यार जग के सार बाटे
प्यार से संसार बाटे

जी रहल जे दुश्‍मनी में
ऊ धरा के भार बाटे

बाघ-सिंहन से जियादा
आदमी खूंखार बाटे

देश के आदर्शवादी
खुद घरे लाचार बाटे

रंगमंची जिन्दगी के
आदमी किरदार बाटे

जीत खातिर जोश चाहीं
काहिली में हार बाटे

थाम लीं पतवार नीके
तेज नदिया-धार बाटे

प्रेम-अपनापन-समर्पण
जगत् के आधार बाटे

विष पचा के शिव बने के
के कहऽ तइयार बाटे