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मलिना / जयशंकर प्रसाद

No change in size, 11:04, 2 अप्रैल 2015
प्यारे मधुकर से उसको नेक मिलाओ
नव चंद अमंद प्रकाष प्रकाश लहे मतवाली
खिलती है उसको करने दो मनवाली
</poem>
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