भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे / भजन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKBhaktiKavya |रचनाकार= }} बधैया बाजे<br> बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥<br><br> राम ल...)
(कोई अंतर नहीं)

19:38, 14 जनवरी 2008 का अवतरण

रचनाकार:                  

बधैया बाजे
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

राम लखन शत्रुघन भरत जी झूलें कंचन पालने में ।
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

राजा दसरथ रतन लुटावै लाजे ना कोउ माँगने में ।
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

प्रेम मुदित मन तीनों रानि सगुन मनावैं मन ही मन में ।
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

राम जनम को कौतुक देखत बीती रजनी जागने में
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥